जीवन का सबसे बड़ा धन क्या है?

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शंका

जीवन में दो ही वास्तविक धन हैं- समय और सांसें! दोनों ही निश्चित व सीमित हैं, तो हम इन दोनों का प्रयोग कैसे करें?

समाधान

जीवन के दो ही वास्तविक धन हैं- समय और सांसें! दोनों की मात्रा सीमित है। सबसे पहले यह बात मन में बिठायें कि ये समय और साँस ही मेरे जीवन का सबसे बड़ा धन है। अगर मेरी सांसे ही न रहें तो इस धन का क्या मतलब? कोई अर्थ नहीं! और समय बीतने के साथ कब मेरी सांसे खो जाएँ, इसका कोई आभास नहीं। पहली बात, हम अन्तर्मन में ये बात बिठायें कि जीवन का वास्तविक धन क्या है? विडम्बना यह है कि जड़ धन के प्रति मनुष्य का व्यामोह इतना प्रगाढ़ रहता है कि उसके अलावा उसे कुछ दिखता ही नहीं है और उसी धन के अर्जन में अपना सारा समय और सारी साँसें खपा देता है जबकि उसे पता होना चाहिए, जीवन भर जुड़े हुए धन को दांव पर लगाने के बाद भी वो धन न तो एक समय के लिए हमें रोक सकता है, न ही हमारी एक साँस लौटा सकता है। जब यह बात समझ में आएगी तभी कहीं जाकर हम समय और साँस के सदुपयोग की बात सोच पाएँगे। 

सिकंदर का वह वाक्य लोगों को याद रखना चाहिए जो अपने जीवन के अन्तिम दिनों में उसने कहा था “धिक्कार है मुझे कि जिस सत्ता और साम्राज्य के पीछे मैंने अपनी सारी साँसें गंवा दी, आज उन्हें दांव पर लगाने के बाद वे मुझे एक साँस के लिए बचा नहीं पा रहे हैं।” वो कहानी आप सबको पता है। “काश, ये मुझे पहले पता होता तो मैं अपनी इन सांसों को व्यर्थ नहीं करता। मैं आप सबसे पूछना चाहता हूँ- कितने लोग ऐसे हैं जिनकी नजर में उनकी साँसें और उनका समय सबसे ज़्यादा मूल्यवान है? इसके मूल्य को समझो, जड़ धन से बड़ा जीवन धन है। जीवन ही खो जाए तो जड़ धन का कोई काम नहीं। 

अभी पिछले २ साल से कोविड चल रहा है, अनेक लोगों की सूचनायें आईं। हजारों हजार करोड़ के धनी भी चले गए, उनके द्वारा जोड़ा गया धन तो रह गया पर धनी नहीं रहा, सब मुँह ताकते रह गए। एक-दो ऐसे व्यक्ति जो 15,000 करोड़ से ज़्यादा का धनी, पर उसका अन्त ऐसा हुआ, इतना दुर्भाग्य कि अन्त में भी ‘अनक्लेम्ड’ बने रहे। अन्तिम संस्कार का १५ दिन तक अता-पता नहीं क्योंकि परिवार में सब कोविड में थे और ये तब जब पहला दौर था, उस समय की बात है। ये लोगों को समझना चाहिए कि जीवन धन से बड़ा कोई धन नहीं है और यह सीमित है। जैसे आदमी के पास पैसे की कमी होती है, क्राइसिस होती है, तो वह आदमी पैसे को बहुत हिसाब से खर्च करता है, वैसे ही जिसे समय और साँसों की संख्या का बोध होगा, वो उसको नियंत्रित रखेगा।

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