शंका
णमोकार मन्त्र में अरिहंत जी को पहले नमस्कार किया जाता है उसके बाद सिद्ध जी को, जबकि सिद्ध जी अरिहंत जी से बड़े होते हैं, ऐसा क्यों?
समाधान
हम लोग दोहा पढ़ते हैं –
“गुरु गोविन्द दोऊ खड़े काके लागूं पाय, बलिहारी गुरु आपनो गोविन्द दियो बताए”।
अरिहंत भगवान नहीं होते तो हमें सिद्धों का पता कैसे चलता? अरिहंतों ने सिद्धों का पता बताया इसलिए हम पहले अरिहंत को नमन करते हैं।
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