अखण्ड भारत में गाय को एक भगवान और माँ के रूप में पूजते थे और आज खण्डित भारत में गाय राजनीति का शिकार हो गई है। गाय आचार्य भगवन का प्रिय जीव है। आज यह दर-दर की ठोकर खा रही है और राजनीति का शिकार है। आप इस विषय पर प्रकाश डालिए।
यह एक बड़ा दुर्भाग्य है कि वर्तमान में गोमाँस (beef) एक राजनीतिक मुद्दा बन गया है। वस्तुतः हमारे नेताओं की ऐसी ही मनःस्थिति बन गई है, धर्म और संस्कृति से उन्हें कोई लगाव नहीं है। वे वोट बैंक की राजनीति करते हैं। लेकिन जब भी ऐसा होगा, वह देश के लिए बहुत बुरा दिन होगा, काला दिन होगा। हमें जाग्रति फैलाना चाहिए।
हमारे आचार्य वीरसेन महाराज ने धवला में एक जगह लिखा है, “याः श्री सः गौ” अर्थात जो कुछ भी समृद्धी है वह गाय है। यह हमारी अर्थव्यवस्था की रीढ़ है और इसे किसी भी तरीके से सुरक्षित करना ही चाहिए।
मुझे लगता है, यह परिस्थिति तो तात्कालिक है, समय बदलने पर सब कुछ बदल जाएगा।
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