शंका
कर्म के दस करण हैं, उसमें उत्कर्षण, अपकर्षण और निकाचित करण हैं तिर्यंन्च में और नर्क में कैसे घटित होता है?
समाधान
उत्कर्षण, अपकर्षण, संक्रमण सब चीजों में घटित होता है। सब चीजें सब गति में सम्भव हैं, अपने अपने भावों के अनुरूप हैं। उत्कर्षण का मतलब होता है कर्म में स्थिति और अनुभाग में वृद्धि! अपकर्षण का मतलब होता है उसमें हानि। यह हमारी कषायों की तीव्रता और मन्दता के अनुरूप चलता रहता है।
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