शंका
कल आपका आहार एक अजैन परिवार में हुआ। उनके कौन से भाव के कौन से पुण्य का उदय था? उन्होंने कौन से भव के पुण्य के उदय का संचय किया?
समाधान
ये तो किसी अवधि ज्ञानी से पूछना पड़ेगा। लेकिन निश्चित वो बहुत भाग्यशाली रहें होंगे और उन्होंने सातिशय पुण्य का बन्ध किया। दो दिन से वह पूरा परिवार जिस भक्ति भाव से लगा रहा, ये बहुत ही प्रशंसनीय कार्य है।
वह परिवार गुर्जर परिवार था, जैनियों को सीख लेना चाहिए। आहार होने के उपरान्त जब वह परिवार मेरे पास बैठा, मैंने उन्हें केवल एक-दो मिनट का सम्बोधन दिया। उन्होंने अपने पूरे परिवार को शुद्ध वैष्णव बनाने की घोषणा कर दी। घर में प्याज, लहसुन भी नहीं आएँगे, ये भाव है! तुम जैनियों को सीखना चाहिए।
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