शंका
आचार्य भगवन कुंद-कुंद स्वामी ने ‘आर्यिका’ को उपचार से महाव्रती कहा और आचार्य श्री समन्तभद्र स्वामी ने ‘देश व्रती श्रावक’ को उपचार से महाव्रती कहा। इन दोनों में अन्तर क्या है?
समाधान
ये अलग-अलग भूमिका के अनुरूप अलग-अलग उपदेश दिया गया है। जिस समय वो सामायिक में है, देश व्रती श्रावक को तब कहा। आर्यिका अपनी चर्या के अनुरूप जो उत्कृष्टतम कर सकती है, वो कर लिया, इसलिए आर्यिका को उपचार से महाव्रती कहा है।
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