शंका
समवसरण की धर्मसभा में अभव्य जीव बाहर रह जाते हैं, निकल जाते हैं या जा नहीं पाते लेकिन पशु बैठे रहते हैं?
डॉक्टर ममता जैन, पुणे
समाधान
अभव्य जीव और पशु में से अभव्य जीव पशु से भी तुच्छ है। उस अभव्य मनुष्य से वह भव्य पशु अच्छा है जो भगवान की चरण सन्निधि में जाकर सम्यक्त्व को ग्रहण करता है, संयमासंयम को ग्रहण करता है। वह पशु अपना उद्धार कर सकता है और वह मनुष्य पिछड़ जाता है।
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