शंका
जब भी कोई फंक्शन (समारोह) होता है, तो उसमें पहली थाली भगवान जी के लिए निकालकर वेदी पर चढ़ाई जाती है, तो क्या यह उचित है या नहीं?
समाधान
कुुछ जगह परम्पराएँ बना दी गई हैं, ऐसा आगम में कोई विधान नहीं, क्योंकि हमारे भगवान भोग लेते ही नहीं तो भोग क्यों चढाएँ? ये एक भावना है, एक श्रद्धा मन में बैठी है कि भगवान ही हमारे सब कर्ता-धर्ता हैं, इसलिए भगवान के लिए हम ये सब चढ़ाएँ। ये सब क्रियाएँ जैन धर्म के अनुकूल नहीं हैं।
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