आपने गुणायतन के लिए सम्मेद शिखर जी को ही क्यूँ चुना है?
शिखर जी से अच्छी जगह चुनने के लिए क्या है? मैं बताऊँ? मैंने शिखर जी को नहीं चुना, शिखर जी ने मुझे चुन लिया। यह सच्चाई है, मैं जब सम्मेद शिखर जी गया था तब मेरे केवल वन्दना करके लौटने के भाव थे लेकिन उस क्षेत्र को देखने के बाद मुझे लगा कि सारे देश में तो निर्माण हो रहा है और मूल को लोग भूल रहे हैं। हमारी पहचान है सम्मेद शिखर, हमारी आत्मा है सम्मेद शिखर। हमें यहाँ जो कुछ करना है, अपनी सर्वोच्च प्राथमिकता यहाँ के लिए होनी चाहिए। बाकी जितने भी क्षेत्र हैं, वह मानव कृत क्षेत्र हैं। एक मात्र तीर्थराज सम्मेद शिखर ऐसा क्षेत्र है, जो शाश्वत क्षेत्र है और भगवान के द्वारा बनाया हुआ क्षेत्र है। उस क्षेत्र में जाकर मेरी प्रेरणा जगी। मैं अपने आप को कुछ नहीं मानता हूँ। मैं तो केवल निमित्त मात्र हूँ। शायद उस क्षेत्र के लिए कुछ अच्छा होना था और मुझे निमित्त बनना था इसलिए सारा यह संयोग बना। अब इसमें जो लगा दे वह उसका भाग्य है।
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