अगर घर-परिवार में कोई व्यक्ति नास्तिक है, तो हम ऐसा क्या प्रयास करें कि वह आस्तिक भी हो जाए और धर्म में प्रगाढ़ आस्था भी रखे?
पहले उसकी नास्तिकता को जांचों। मेरा अनुभव तो यह बताता है कि जो लोग जिन्हें हम नास्तिक कहते हैं, प्रायः वे आस्तिक निकलते हैं।
एक नास्तिक था, प्रबल नास्तिक। उसके मुँह से कभी भगवान का नाम नहीं निकला। वह रात को सो रहा था, तभी सोते सोते उसके मुख से निकला- “हे भगवान।” उसकी पत्नी बहुत प्रफुल्लित हुई और सुबह होते ही उससे बोली कि “कल आपने सपने में भगवान का नाम लिया था।” उसने जैसे ही यह सुना कि जिस भगवान को मैंने हमेशा छिपाकर अन्दर रखा और आज वह बाहर आ गए। अब मेरे जीने का क्या फायदा, वह आदमी वहीं खत्म हो गया।
ऐसे व्यक्तियों के साथ बहुत ही गम्भीरता से व्यवहार करना चाहिए। पहले पता करना चाहिए कि वह धार्मिक क्रियाओं से दूर है या धर्म से ही दूर है।
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