गर्मियों में छत पर पक्षियों के लिए पानी भर कर रखना चाहिए लेकिन अगर बीच में एक-दो दिन में यदि पानी रखना भूल जाएँ तो क्या पाप लगता है क्योंकि पानी की आशा में पक्षी छत पर आते हैं और प्यासे रह जाते है?
अनिका जैन, झोटवाड़ा
पानी अवश्य रखना चाहिए, ये हमारी संवेदनशीलता का द्योतक है। बन सके तो थोड़ा दाना भी डालना चाहिए। कोशिश करनी चाहिए कि न चूकें लेकिन यदि किसी परिस्थितिवश किसी दिन न कर पाए तो उस से पाप नहीं लगेगा क्योंकि आपने प्राणियों को भूखा-प्यासा रखने के लिए नहीं किया। अपनी व्यस्तता के कारण या आप कहीं बाहर चले गए इस वजह से ऐसा हुआ तो उसमें कोई दोष नहीं है। एक बात मैं और आप सब से कहूँगा, लोग घर बनाते हैं, आजकल के मकान पुराने मकानों से भिन्न है। घरों में पहले परिंदों के लिए जगह छोड़ी जाती थी, गोरैया-चिड़िया गुनगुनाती थी, चहचहाती थी तो सुबह हम सबकी नींद खुलती थी। आज हल्की सी सुराख भी आप घरों में नहीं रखते, पेड़ पौधे तक तो ऐसे बर्बाद कर डाले हैं। यह परिंदे कहाँ रहेंगे? इसलिए मेरा सभी लोगों को सुझाव है आपके घर-मकान में परिंदों के लिए भी कुछ स्थान छोड़ो, कुछ आले, कुछ मौके, कुछ छेद, कुछ भी उनके लिए छोड़ो ताकि वे अपना घर बना सके और अपना बसेरा कर सके। गोरैया जैसी चिड़िया अपना घर पेड़ों पर नहीं हमारे घर में ही बनाती है। आजकल उनका अभाव हो गया है इसका पूरा प्रभाव प्रकृति पर पड़ रहा है हमारी जो इकोलॉजी है वह बिगड़ रही है, इको सिस्टम बिगड़ रहा है। पारिस्थितिकी सम्बन्ध है वह खत्म हो रहा है इसलिए इसका पूरा ध्यान रखना चाहिए। बच्चों से भी मैं कहता हूँ अपने परिवार के लोगों को कहना चाहिए, पापा ऐसा कुछ करो कि हमारे घर में चिड़िया आये और हम सब उसकी चहक से अपने जीवन को चहका लें।
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