शंका
तीर्थ स्थान (महावीरजी) में लड्डू चढ़ाने में ज़्यादा पुण्य मिलता है या अपने नगर के मन्दिर में लड्डू चढ़ाने में?
समाधान
यह भावना है। भगवान का अनुराग ही मनुष्य को बाहर खींचता है। जब घर का अनुराग बाहर होता है, भारी होता है तो लोग घर में लड्डू चढ़ाते हैं। और जब भगवान का अनुराग बढ़ जाता है तो कहते हैं कि चलो भगवान के मूल स्थान में जाकर लड्डू चढ़ाएँ। कुछ लोग महावीरजी में चढ़ाते हैं और कुछ लोग पावापुरी जी में जाकर चढ़ाते हैं। कोशिश करनी चाहिए उत्तम स्थल पर जाकर चढ़ाने की।
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