वर्गणा क्या होती है और अच्छी या बुरी वर्गणा को कैसे पहचानें?
जैन शास्त्रों के अनुसार सजातीय पुद्गल परमाणु के समूह को वर्गणा कहते हैं। मगर विज्ञान के अनुसार कहें, तो वर्गणा और कुछ नहीं है ऊर्जा के पिंड हैं। हमारे यहाँ पूरा का पूरा विज्ञान विकसित हुआ है। मुख्य रूप से ऊर्जा का स्रोत, सूर्य है, सौरमंडल है। उससे निकलने वाली किरणें सृष्टि में रहने वाले प्रत्येक तत्त्व को प्रकाशित करती हैं और उसमें शक्ति का संचार करती है। वही शक्ति एक विश्व शक्ति के रूप में पूरी दुनिया में प्रवाहित होती है। उसका कुछ अंश हमारे भीतर जाता है, वह पॉजिटिव (सकारात्मक) भी होती है नेगेटिव (नकारात्मक) भी होती है। पॉजिटिव को पॉजिटिव एनर्जी के रूप में देखा जाता है और नेगेटिव को नेगेटिव एनर्जी के रूप में। पॉजिटिव एनर्जी हमारे शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है और नेगेटिव एनर्जी का सब पर बुरा असर पड़ता है। जहाँ आपको अच्छी अनुभूति हो समझना वहाँ अच्छी वर्गणा है, और जहाँ बुरी अनुभूति हो समझना वहाँ गलत वर्गणा है।
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