जाप-माला फेरते समय स्थिरता कैसे लायें?

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शंका

हम एक भी माला स्थिरता से नहीं फेर पाते, माला फेरने में मन ही नहीं लगता, मन भटकता है। स्थिरता का उपाय बताने की कृपा करें।

समाधान

माला में स्थिरता तब तक नहीं आएगी जब तक आप माला के प्रति अपनी रूचि न रखो। जिस कार्य में मनुष्य की रूचि नहीं होती, उसमें स्थिरता नहीं आती। रुचि ही स्थिरता दिलाती है। मन्त्र जाप को अपने जीवन का परम कल्याणकारी मानें और उन्हें अपने लिए कल्याणकारी मानकर उसमें रुचि रखें कि “यह मेरे जीवन का श्रेष्टतम अनुष्ठान है, पाप के विनाश का एक श्रेष्ठ उपाय है। २४ घंटे मैं अपनी प्रवत्तियों के माध्यम से पाप करता रहता हूँ। अपने पापों का परिमार्जन इन्हीं के माध्यम से कर सकता हूँ”- ऐसी रुचि और श्रद्धा मन में होनी चाहिए। 

जब आप जाप करें -जैसे णमोकार मन्त्र की जाप आप करें, उसका भाव नमस्कार भी साथ साथ चलना चाहिए। णमो अरिहंताणम का उच्चारण करते समय अरिहंतो को नमस्कार हो, ऐसा मनोभाव यदि आपका प्रकट होगा, तो वह आपके लिए बहुत लाभदायक होगा। णमो सिद्धाणं- सिद्धों को नमस्कार। णमो आयरियाणं- आचार्यों को नमस्कार। णमो उवझायाणं- उपाध्यायों को नमस्कार और णमो लोए सव्व साहूणम कहते समय लोक के समस्त साधुओं को नमस्कार। जब आप भाव नमस्कार के साथ मन्त्र का जाप करेंगे, तभी वह सच्चा जाप होगा और इसमें आपको मन को रमाने के लिए अतिरिक्त प्रयत्न की जरूरत नहीं होगी। सहजता से आपका मन रम जाएगा।

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