स्वाध्याय से कैसे होती है कर्मों की निर्जरा?
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स्वाध्याय से कैसे होती है कर्मों की निर्जरा? How Swadhyay helps in shedding karmas? निर्जरा जैन दर्शन के अनुसार एक तत्त्व हैं। इसका अर्थ होता है आत्मा के साथ जुड़े कर्मों का शय करना। यह जन्म मरण के चक्र से मुक्त होने के लिए आवश्यक हैं। स्वाध्याय ही हमें कर्मो की निर्जरा का मार्ग दर्शाता…

लोभ सबसे बड़ा पाप क्यों?
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लोभ सबसे बड़ा पाप क्यों? Greed- the biggest sin लोभ ही मनुष्य को सद्मार्ग से भटका देता है और यह पाप का सबसे बड़ा कारण है और शास्त्रो मे लोभ को संसार में सबसे बड़ा पाप कहा गया है। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा लोभ सबसे बड़ा पाप क्यों?” Share

सफल मनुष्य और जागरुक नागरिक कैसे बनें?
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सफल मनुष्य और जागरुक नागरिक कैसे बनें? How to become a successful person and a vigilant citizen? नागरिक वही व्यक्ति होते हैं, जो एक देश के किसी गाँव या शहर में एक निवासी के रुप में रहते हैं। हम सभी अपने देश के नागरिक है और अपने गाँव, शहर, समाज, राज्य और देश के लिए…

बेटियाँ कैसे करें अपने माता-पिता की सेवा?
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बेटियाँ कैसे करें अपने माता-पिता की सेवा? How should the girls serve their parents? माता – पिता की सेवा एक नैतिक कर्तव्य है। माता – पिता की सेवा भगवान की सेवा के बराबर है। पर एक लड़की जिसे पराया माना जाता है वह कैसे करे अपने माता पिता की सेवा? सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर…

अपने भाग्य को कैसे बदलें?
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अपने भाग्य को कैसे बदलें? How to change our luck? हमारे साथ जो भी अच्छा या बुरा घटित होता है। प्रायः हम उसे प्रारब्ध या नसीब कहते हैं।कई बार हम देखते हैं कि कोई बहुत दान-धर्म करता है, भगवान को पूजता है, फिर भी उसे कई दुःख भोगने पड़ते हैं । सुनिए मुनि श्री प्रमाण…

गलत निर्णय लेने से कैसे बचें?
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गलत निर्णय लेने से कैसे बचें? How to avoid wrong decisions? निर्णय लेना एक समस्या को हल करने या एक मिशन को पूरा करने के कौशल है।निर्णय गलत होने पर परिणाम दर्दनाक हो सकता है। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा गलत निर्णय लेने से कैसे बचें? Share

चुगलखोरी महा पाप
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चुगलखोरी महा पाप Backbiting : a big sin! चुगली करने की क्रिया को पाप नहीं बल्कि महापाप कहा गया गया है । चुगली करन लोगों की दिनचर्या का अंग है। यह एक गंभीर है और इस पाप करते रहने से एक इंसान को उद्धार नहीं मिलता। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा चुगलखोरी महा पाप।…

पति के वियोग होने पर जीवन कैसे व्यतीत करें?
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पति के वियोग होने पर जीवन कैसे व्यतीत करें? How to spend life after husband’s death? परिवार का सुचारू संचालन पति-पत्नी में आकर्षण, प्रेम, समर्पण एवं विश्वास पर टिका हुआ होता है। ऐसे में पति की वियोग एवं असमय में मरण होने की स्थति में क्या करें।सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा पति के वियोग…

मन और बुद्धि में सन्तुलन कैसे बिठायें?
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मन और बुद्धि में सन्तुलन कैसे बिठायें? Balancing mind and judgment! जीवन में बहुत कुछ मिलता है पर अधूरी इच्छाओं के रहते एक असंतुष्टता की भावना रह जाती है मन में। इससे दुख पहुँचता है। ऐसी स्तिथि में जीवन में दोनों- बुद्धि और भावना का, दिमाग और दिल का सन्तुलन होना चाहिये।सुनिए मुनि श्री प्रमाण…

भूत-प्रेत से डरकर झाड़-फूँक करना उचित?
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भूत-प्रेत से डरकर झाड़-फूँक करना उचित? Is it right to do incantations for evil spirits आज भी कई लोगों को आप झाड़-फूँक करते हुए देखते होंगे, लोग ये झाड़-फूँक भूत-प्रेत और नज़र लगने के दर से करते हैं, क्या ऐसा करना उचित है- इस विडियो में मुनि श्री प्रमाण सागर जी बता रहे हैं भूत-प्रेत…

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