विवाह पूर्व युवक-युवतियों का साथ रहना सर्वथा अनुचित
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वर्तमान के बिगड़े हुए खान-पान
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कैसे हो अतिथि सत्कार?
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कैसे हो अतिथि सत्कार? Guest Felicitation भारत देश में जहाँ मेहमान को अतिथि देवो भवः कहा जाता है । वहां हमें पता होना चाहिए की हम अतिथियों का सत्कार कैसे करें।सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा कैसे हो अतिथि सत्कार? Share

मेडिकल क्षेत्र का गिरता स्तर चिन्ताजनक!
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मेडिकल क्षेत्र का गिरता स्तर चिन्ताजनक! The falling level of medical field is worrisome डॉक्टरों को भगवान् का रूप कहा जाता है क्योंकि वे उनके जीवन का लक्ष्य ही लोगो की सेवा और उनको तकलीफें दूर करना होता है।परन्तु आज मेडिकल क्षेत्र में पढाई का स्तर गिरता जा रहा है। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर…

व्यक्ति के जीवन की दिशा और दशा में इतिहास का महत्व
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व्यक्ति के जीवन की दिशा और दशा में इतिहास का महत्व Importance of history in state and direction of one’s life जीवन की दिशाहमारा देश भारत अपने अध्यात्म , धर्म , दर्शन तथा उच्च चिन्तन के लिए सदा से ही विश्व्वंध रहा है । भारत की संस्कृति तथा दार्शनिक विचारधारा ने विश्व भर के देशों…

नॉनवेज पर आधारित व्यंजनों के नाम रखना अनुचित
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नॉनवेज पर आधारित व्यंजनों के नाम रखना अनुचित Should we keep names of food based on non-veg items? आज कल देखने में आ रहा है की शाकाहारी लोग भी नॉनवेज पर आधारित व्यंजनों के नाम रख रहें और आज शादी पार्टियों में इनका प्रचलन तेजी से बढ़ता जा रहा है- नॉनवेज पर आधारित व्यंजनों के…

तीर्थंकर की माता को सोलह स्वप्न क्यों आते हैं?
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तीर्थंकर की माता को सोलह स्वप्न क्यों आते हैं? Why does Teerthankar’s mother see 16 dreams? भगवान तीर्थंकर की माता सोलह स्वप्न क्यों देखती हैं? क्योंकि भगवान पूर्व भव में सोलह कारण भावनाओं को भा कर चिंतवन कर, तीर्थंकर प्रकृति का बंध करते हैं। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा तीर्थंकर की माता को सोलह…

पञ्च परमेष्ठी के वर्ण का अर्थ
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पञ्च परमेष्ठी के वर्ण का अर्थ What do colours of Panch Parmeshthi signify? “पंच परमेष्ठी जैन धर्म के अनुसार सर्व पूजिए हैं। परमेष्ठी उन्हें कहते है हैं जो परम पद स्थित हों।यह पंच परमेष्ठी हैं- अरिहन्त: जो दिव्य शरीर में स्थित रहते हैं। जिन्होंने चार घातिया कर्मों का नाश कर दिया हो| सिद्ध: जो शरीर…

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