अपने और अपने माता-पिता के विचारों में सामंजस्य कैसे रखें?
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अपने और अपने माता-पिता के विचारों में सामंजस्य कैसे रखें? How to harmonize your thoughts and your parents thoughts? Share

टेलीविजन के दुष्परिणामों से कैसे बचें?
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टेलीविजन के दुष्परिणामों से कैसे बचें? How to protect ourselves from the ill effects of televison? हमारे दैनिक जीवन में टेलीविजन एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, यह हमें अपडेट रखता है । जरुरत से ज्यादा टीवी देखने से इसके कई दुष्परिणाम भी होते हैं। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा टेलीविजन के दुष्परिणामों से कैसे…

क्या है सम्यकदर्शन?
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क्या है सम्यकदर्शन? What is SAMYKDARSHAN? सच्चे देव, सच्चे शास्त्र और सच्चे गुरु का श्रद्धान करना सम्यग्दर्शन है।सम्यग्दर्शन किसको, कब और कैसे होता है ? ये तीन बातें ही मुख्यतया ज्ञातव्य हैं। वह भव्य जीव के ही होता है, अभव्य को नहीं। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा क्या है सम्यकदर्शन? Share

बेटियों को कैसे संस्कार दें?
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बेटियों को कैसे संस्कार दें? What virtues to inculcate in daughters? सभी माता-पिता का कर्त्तव्य है कि वे अपनी बेटी को सर्वगुण सम्पन्न बनाएँ। उसकी सभी छोटी-छोटी बातों पर अवश्य ध्यान दें। अपनी सन्तान सबको प्रिय होती है। बेटियाँ अपने माता-पिता की बहुत दुलारी होती हैं और इसीलिए वे उनको अच्छे संस्कार देना चाहते हैं।…

मायाचारी का प्रभाव
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मायाचारी का प्रभाव Effects of MAYACHARI(Cheating) मायाचारी दूसरों को ही नहीं, स्वयं को भी ठगता है – मायाचारी अपने कपट व्यवहार को कितना ही छिपाए, देर-सबेर वह प्रकट होता ही है। इसीलिए कहा गया है – नहीं छिपाए से छिपे, माया ऐसी आग, रुई लपेटी आग को, ढांके नहीं वैराग। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर…

तीर्थयात्रा कैसे करें?
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तीर्थयात्रा कैसे करें? How to perform pilgrimage? Share

सामायिक क्या है?
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सामायिक क्या है? What is Samayik? सामायिक क्या है. सामायिक 48 मिनट का टाइम पास न होकर जीव को संसार से संयम, देह से विदेह, शरीर और आत्मा के बीच भेद विज्ञान को समझने, जो हमारी आत्मा अनंत काल से विभाव में रमण कर रही है उसे स्वभाव के लाने की साधना सामायिक है। सुनिए…

पुण्य और धर्म में क्या अन्तर है?
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पुण्य और धर्म में क्या अन्तर है? Difference between Punya and Religion Share

दूसरों के नही, अपने दोषों को देखो
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दूसरों के नही, अपने दोषों को देखो Learn to look at your flaws first दूसरों के दोष पर ध्यान न दो। उससे तुम्हारा कोई प्रयोजन नहीं है। तुम्हारा प्रयोजन केवल तुमसे है। दूसरों के कृत्य-अकृत्य मत देखो। केवल अपने कृत्य-अकृत्य का अवलोकन करो। सिर्फ अपना ही अवलोकन करो। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा दूसरों…

दिखावटी लोगों से दूर रहें
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दिखावटी लोगों से दूर रहें Beware of artificial people जैसा की हम सभी जानते हैं के आज की दुनिया आधुनिक है जहाँ किसी को किसी से मतलब नहीं होता। और ऐसे में लोग अपनापन जताना तो दूर की बात है पर दिखावा करते हैं। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा दिखावटी लोगों से दूर रहें।…

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