क्या ऑर्गन टिश्यू सेल हमारे शरीर का हिस्सा हैं?

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शंका

हमारे अलग-अलग अंग या ऑर्गनस् (organs) हैं, उनके अलग-अलग तंतु (tissues) हैं या कोशिकाएं (cells) हैं, और उनके कार्य भी अलग-अलग हैं तो उनका स्वयं के साथ रिश्ता कैसे जोड़ें?

समाधान

हमारे शरीर में जो cells (कोशिकाएं) हैं निश्चित रूप से उनकी अपनी अलग ‘लाइफ सायकल’ है। जैन धर्म के अनुसार हर मनुष्य का या अन्य पशु पक्षियों का शरीर है। हमारे आश्रित इसमें अनेक निगोदिया जीव हैं। हम सब प्रतिष्ठित हैं या सह प्रतिष्ठित हैं, यानि हम है और हमारा एक मूल जीवन है। हमारे इस मूल जीवन के साथ अनन्त जीव भी जुड़े हुए हैं, जिन्हें निगोदिया जीव की संज्ञा दी जा सकती है। बारहवें गुणस्थान तक के सभी मुनियों के साथ ये होता है। मतलब मनुष्य को जब तक केवलज्ञान प्राप्त नहीं होता तब तक वह निगोदिया जीवों से युक्त होता है। तो उनकी अपनी लाइफ साइकिल है, पर निर्भर किस पर है, हमारे ऊपर। जब तक हम में प्राण हैं, ऊर्जा है तब तक उनका लाइफ साइकिल चलता रहेगा; और हमारा प्राणतत्व खत्म हो जाएगा तो वे खत्म हो जायेंगे। इसी प्रकार आप देखते हैं कि tissues और ब्लड सेल्स की रूटीन के हिसाब से अपनी लाइफ साइकिल है। लेकिन जब कोई रोग (disease) हो या और कोई प्रॉब्लम हो जाता है, तो ये टिश्युज जल्दी damage हो जाते हैं। क्यों? इसलिए क्योंकि वे हम पर depend (आलम्बित) हैं। ये सब चीजें एक साथ चलती रहती हैं, और जब तक हमारे प्राण है तब तक इनका संचालन है। प्राण के अभाव होते ही ये नष्ट हो जाते हैं।

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