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स्वाध्याय से कैसे होती है कर्मों की निर्जरा?

स्वाध्याय से कैसे होती है कर्मों की निर्जरा? How Swadhyay helps in shedding karmas? निर्जरा जैन दर्शन के अनुसार एक तत्त्व हैं। इसका अर्थ होता है आत्मा के साथ जुड़े…

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गुणायतन क्या और क्यों?

गुणायतन क्या और क्यों? What is Gunayatan and it’s significance? “जैन दर्शन में आत्मशक्तियों के विकास अथवा आत्मा से परमात्मा बनने की शिखर यात्रा के क्रमिक सोपानों को चौदह गुणस्थानों…

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जीवन का लक्ष्य क्या?

जीवन का लक्ष्य क्या? Aim of Life मनुष्य जीवन का लक्ष्य क्या है? वह इसी जन्म में सृष्टि का मालिक अथवा जगतजीत बनने का पुरुषार्थ कर सकता है I परन्तु…

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जैन धर्म का विकास कैसे करें

जैन धर्म का विकास कैसे करें How to spread Jainism? जैन धर्म में आस्था रखने वाले सभी लोगों के मन में ये विचार हमेसा आता है की हम जैन धर्म…

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माँ-बाप, सास-ससुर एक समान

माँ-बाप, सास-ससुर एक समान Self and in-law parents are equal माता पिता और जीवनसाथी के माता पिता को समान दृष्टि से देखें। दोनों को यथोचित सम्मान दें। मुनि श्री प्रमाणसागर…

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