दिवाली कैसे मनायें? धनतेरस का महत्व जैन परम्परा के चौबीसवें तीर्थंकर भगवान महावीर ने त्रयोदशी तिथि के दिन अंतिम बार दिव्यध्वनि रूपक उपदेश दिया था। फिर वह समवशरण रूपी वैभव…
संयम संतोष से जीवन बदलें भगवान के दरबार में एक सेठ गया। बहुमूल्य रत्न अर्पित करते हुए उसके भगवान से कहा, है भगवन! वर्षों से मैं तेरी पूजा-अर्चना करता आ…