By:admin December 14, 2018 0 https://www.munipramansagar.net/wp-content/uploads/2018/12/Pramansagar-pravachan-23.jpg 261 261 admin admin https://secure.gravatar.com/avatar/a92f9f606a167f670786558a51779425?s=96&d=mm&r=g December 14, 2018 May 24, 2019 कैसी हो रुचि? कैसी हो रुचि? आज बात ‘र’ की है। ‘क’ से ‘य ‘तक आपने काफी रस लिया और मैं देख रहा हूँ कि आप सबने बड़ी रुचि पूर्वक सुना। आज मैं…read more
By:admin December 14, 2018 0 https://www.munipramansagar.net/wp-content/uploads/2018/12/Pramansagar-pravachan-4.jpg 261 261 admin admin https://secure.gravatar.com/avatar/a92f9f606a167f670786558a51779425?s=96&d=mm&r=g December 14, 2018 May 24, 2019 अपनी योग्यता को कैसे संवारे अपनी योग्यता को कैसे संवारे नदी के किनारे, एक पत्थर लगा। सैलानी उस पर बैठकर नदी की धार के साथ अठखेलियाँ खेलते, तो कभी धोबी उसी पत्थर पर कपडा फींचा…read more
By:admin December 14, 2018 0 https://www.munipramansagar.net/wp-content/uploads/2018/12/Pramansagar-pravachan-14.jpg 261 261 admin admin https://secure.gravatar.com/avatar/a92f9f606a167f670786558a51779425?s=96&d=mm&r=g December 14, 2018 May 24, 2019 मातृत्व रखे, ममत्व नहीं! मातृत्व रखे, ममत्व नहीं! अभी बात माँ की, की गई। हम सबके जीवन का सबसे पहला रिश्ता माँ से जुड़ता है। बाकी सारे रिश्ते जन्म लेने के बाद से होते…read more
By:admin December 14, 2018 0 https://www.munipramansagar.net/wp-content/uploads/2018/12/Pramansagar-pravachan-13.jpg 261 261 admin admin https://secure.gravatar.com/avatar/a92f9f606a167f670786558a51779425?s=96&d=mm&r=g December 14, 2018 May 24, 2019 भाव ही हमें चढ़ाते हैं, भाव ही गिराते हैं भाव ही हमें चढ़ाते हैं, भाव ही गिराते हैं पुत्र पिता के पास प्रसन्नचित होकर आया और पिता से कहा- पिताजी आज हमने एक बड़ा सौदा किया है, भारी मात्रा…read more
By:admin December 14, 2018 0 https://www.munipramansagar.net/wp-content/uploads/2018/12/Pramansagar-pravachan-12.jpg 261 261 admin admin https://secure.gravatar.com/avatar/a92f9f606a167f670786558a51779425?s=96&d=mm&r=g December 14, 2018 May 24, 2019 कीमती जीवन का सदुपयोग कैसे करें? कीमती जीवन का सदुपयोग कैसे करें? चार बातें: बाकी क्या? बचा क्या? बदला क्या? बदलना क्या? एक सेठ अपने जीवन की उपलब्धियों को गिन रहा था। सोच रहा था- मैंने…read more