उत्तम आर्जव धर्म – वक्रता, कुटिलता, मायाचारी हमारे जीवन का टेढ़ापन है। -जीवन को सीधा वही कर पाते हैं जो साधना के प्रहार को झेलने के लिए तत्पर रहते हैं।…
क्या होता है मार्दव धर्म? कोमलता के भाव ही मार्दव है। चित्त की सरलता, विनय करना, आदर करना, बहुमान करने के भाव ही मार्दव धर्म है। उत्तम मार्दव धर्म अपनाने…
क्रोध: -सहन करने में समाधान है, जवाब देने में संघर्ष। -एक गुणवान मनुष्य जिसे बिना कारण ही क्रोध उत्पन्न हुआ करता है उसका कोई भी सम्मान नहीं करता है। -क्रोध…