उत्तम आर्जव एक राजा के पास एक व्यापारी विशेष प्रकार का दर्पण लेकर के पहुंचा। दर्पण देखने में सामान्य था लेकिन उसका मूल्य बहुत था। राजा ने मूल्य जान कर…
उत्तम मार्दव एक बार कुऍं ने सागर से शिकायत भरे स्वरों में कहा कि तुम्हारा कैसा पक्षपातपूर्ण रवैया हैं, सारी नदियों, नालो को अपने में समाहित कर लेते हो पर…
खूबियाँ खोजिये, खामियाँ नहीं एक दार्शनिक सामने की ओर देखते चल रहा था। रास्ते में उसे कोई सन्त मिल गये। उन्होंने उससे पूछा- क्या बात है, कहाँ जा रहे हो?…