गृहस्थ जीवन से आत्म कल्याण का मार्ग
Balancing family life when embarking the spiritual path
आत्म-कल्याण का उपाय केवल एक है और वह केवल भगवान को जान लेना। यह तो सभी जानते हैं कि ईश्वर सभी जगह रम रहा है मगर इतना जानने से उस परम पुरुष का ज्ञान नहीं होता है। उसके लिए ईश्वर का उत्कट प्रेम प्राप्त करना आवश्यक है। उसकी भक्ति करना अनिवार्य है। भक्ति का तात्पर्य केवल कर्मकाण्ड से नहीं है। मुनि श्री प्रमाण सागर जी बता रहें हैं गृहस्थ जीवन से आत्म कल्याण का मार्ग
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