शंका
णमोकार मंत्र बोलने की सर्वोत्तम विधि!
समाधान
तीन प्रकार से णमोकार मंत्र का या किसी भी मंत्र का प्रयोग कर सकते हैं, पहला है ‘पाठ’, दूसरा है ‘जाप’, तीसरा है ‘उपांशु’ या ‘मानस’।
जो हम बोलकर बोलते हैं, णमो अरिहंताणं, णमो सिद्धाणं आदि यह ‘पाठ’ है; जिसमें उच्चारण नहीं पर ज़ुबान का स्पंदन है उसे बोलते हैं ‘जाप’; और तीसरा है ‘मानस’ या ‘उपांशु’ जिसमें जीभ भी नहीं हिले, श्वांस के साथ णमोकार मंत्र की जाप लें। श्वांस लें, णमो अरिहंताण, श्वांस छोड़ें, णमो सिद्धाणं, पुनः श्वांस ग्रहण करें, णमो आयरियाणं, श्वांस छोड़े, णमो उवज्झायाणं, श्वांस ग्रहण करें, णमो लोए सव्वसाहुणं फिर श्वांस लें। तीन बार श्वांस लेने और छोड़ने में एक बार महामंत्र होता है।
णमोकार मंत्र की नौ बार मंत्र उच्चारण में कम से कम व्यक्ति को तीस सेकंड तो लगना ही चाहिए।
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