शंका
क्या मिथ्यादृष्टि जीव को केवलज्ञान हो सकता है? और यदि कोई जीव अभव्य है, तो वह भव्य बनने के लिए क्या करें?
समाधान
मिथ्यादृष्टि को मिथ्यात्त्व अवस्था में केवल ज्ञान नहीं होता। मिथ्यादृष्टि जब सम्यग्दृष्टि बनकर साधु बनता है, श्रेणि चढ़ता है, तो केवलज्ञान होता है। आज जो भी केवलज्ञानी बने हैं, अतीत के किसी जन्म में वे सब मिथ्यादृष्टि थे।
अभव्य जीव अभव्य ही रहता है, वह कभी भव्य नहीं बन पाता है।
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