एक बीमार साधक की स्वस्थ समाधि हो सकती है?

150 150 admin
शंका

ऐसा कोई उदाहरण बतायें जिसमें किसी गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति की स्वस्थ भाव से समाधि हुई हो?

समाधान

ऐसे एक नहीं, अनेक उदाहरण हैं। आचार्य गुरुदेव के चरणों में एक ब्रह्यचारी लालारामजी थे। कैंसर जैसी बीमारी से ग्रसित थे। उनके जाँघ में कैंसर का घाव था। डॉक्टरों ने जवाब दे दिया था। कुछ लोग मिलने आए थे, मैंने कहा- “इस अवस्था में मैं किसी से मिलने तो नहीं दूंँगा।” लेकिन फिर भी उनके आग्रह के कारण मैंने उनसे दो प्रश्न पूछने की अनुमति दी, “केवल आप दो प्रश्न ही पूछेंगे, क्रॉस नहीं करेंगे, क्योंकि वे अपनी आराधना में हैं।” उनसे पूछा गया कि “आपको कैसा लग रहा है?” समाधि से तीन घंटे पहले की बात है, उनके चेहरे पर अतिरिक्त प्रसन्नता प्रकट हुई और उन्होंने कहा-“ऐसा लग रहा है जैसे कि साक्षात् परमात्मा से मिलने जा रहा हूँ।” फिर उनसे दूसरा प्रश्न पूछा, “क्या आपके शरीर में कोई वेदना है?” उन्होंने कहा- “वेदना नहीं! परम आनंद की अनुभूति है।” काश! किसी सही तरीके से सल्लेखना की साधना करने वाले साधक के पास जायें, तो मैं आपसे कहूँगा, सल्लेखना को आत्महत्या कहना तो बहुत दूर, तुम्हारे मन में खुद की सल्लेखना पूर्वक अन्त करने का भाव जागे बिना नहीं रहेगा।

Share

Leave a Reply