अशक्तता के कारण मैंने मन्दिर जाना छोड़ दिया था। लेकिन जब से शंका समाधान सुना है, मुझमें ऊर्जा आई है और मैं थोड़ी-थोड़ी देर मन्दिर में बैठने लगा हूँ। मेरा अभिषेक का भी नियम है तो क्या मैं किसी दूसरे के साथ, दूसरे की सहायता से अभिषेक कर सकता हूँ? मुझे दिखाई भी बहुत कम देता है तो मुझे क्या करना चाहिए?
कैलाश चंद्र जैन,जलालाबाद
अगर आपको भगवान और कलश दिखते हैं तो दूसरों की सहायता से आप अभिषेक करें। लेकिन अगर आपको आँखों से बिल्कुल नहीं दिखता हो, भगवान भी न दिखतें हों तो मन ही मन अपनी प्रज्ञा की आँखों से भगवान का अभिषेक देखें और अभिषेक का अनुमोदन करें। क्योंकि अगर कुछ नहीं दिखता तो कभी आपसे त्रुटि होने का डर है, हो सकता है कलश गिर जाए, हो सकता है भगवान गिर जाएँ या और कुछ भी हो सकता है। उस असावधानी से बचने के लिए आपको सावधान रहना चाहिए। अगर थोड़ा भी दिख रहा है तो अभिषेक करें। मंद दृष्टि और अन्ध दृष्टि में अन्तर है। यदि आप मंद दृष्टि हैं तो अभिषेक कर सकते हैं और अन्ध दृष्टि हैं तब अभिषेक न करें।
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