शंका
जब हम अभिषेक पूजन के दौरान दो घंटे मन्दिर में रहते हैं उस समय मन्दिर में जिन चीजों का उपयोग करते हैं यदि उसके अलावा सभी वस्तुओं का त्याग कर दें तो उससे किस पुण्य का बन्ध होगा? क्या इससे हमको अगले भव में मुनि बनने का बन्ध होगा?
समाधान
जो व्यक्ति मन्दिरजी में आकर त्याग करता और उस त्याग का निर्वाह करता है उसके भीतर त्याग करने के संस्कार जगते हैं। अभी घंटे, दो घंटे को घर परिवार को त्यागा, निश्चित है वह संस्कार कल बढ़ेगा और सारे जीवन के लिए सर्वस्व त्यागने का पुण्य जागेगा।
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