मेरी एक pathology laboratory हैं, उसमें मेरा काम ब्लड और युरीन चेक करने का है, मुझे प्रतिमा धारण करने की बहुत इच्छा है, क्या मैं प्रतिमा धारण कर सकता हूँ? या मुझे अपना काम बंद करके प्रतिमा धारण करनी चाहिए?
सबसे पहले तो हमें ऐसे युवा की सराहना करनी चाहिए जो इस उम्र में प्रतिमा लेने का भाव रखता है। प्रतिमा लेने के भाव ही नहीं, इसके मन में अपने व्रतों के प्रति कितनी जागरूकता है कि प्रतिमा ग्रहण से पूर्व अपने व्यवसाय की शुद्धि की बारे में विचार कर रहा है कि मैं अभी लेने का पात्र हूँ या नहीं। अब रहा सवाल कि पैथोलॉजी चलाने वाला व्यक्ति प्रतिमा ग्रहण कर सकता है या नहीं, आप ये मानकर चलिए कि जो व्यक्ति पैथोलॉजी में ब्लड वगैरह का चेकअप करता है, तो वहाँ कोई संकल्पी हिंसा नहीं है वह जीविका की हिंसा है और हिंसा नहीं, वह रक्षा के लिए है। जाँच के बिना किसी का इलाज नहीं हो सकता। मेरी दृष्टि में पैथोलॉजी चलाने वाले व्यक्ति के लिए प्रतिमा अंगीकार करने में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए यदि हम इसमें दोष मानते हैं तो व्रती को अपना ब्लड टेस्ट नहीं करवाना चाहिए, सब बेमौत मरेंगे। किसी डॉक्टर को जो सर्जरी करता है उसे प्रतिमा के अधिकार से बाहर कर देंगे, १२ व्रत में तुम्हारे किसी व्रत में अतिचार नहीं लग सकता। हमारी धारणा के अनुसार इसमें तुम्हारी अहिंसा व्रत में कोई दोष नहीं, इसलिए संकल्पी हिंसा से मुक्त होने के साथ १२ व्रतों का निरतिचार पालन करो और दो प्रतिमा से सात प्रतिमा तक घर में रहकर के पालन कर सकते हो, कोई दिक्कत नहीं है।
Leave a Reply