क्या पुरुषार्थ, कर्म और विश्वास से हाथों की लकीर बदल सकती है? यदि बदल सकती है, तो हम अपने लक्ष्य में कैसे कामयाब बन सकते हैं?
पुरुषार्थ, कर्म और विश्वास से हाथों की लकीर बदल सकती है या नहीं? बदल सकती है, हम अपने लक्ष्य में कामयाब भी बन सकते हैं, बशर्ते हमारा पुरुषार्थ सही हो, लगन सही हो, विश्वास सही हो।
ध्यान रखना, केवल पुरुषार्थ से परिणाम नहीं होता; पुरुषार्थ की दिशा भी ठीक होनी चाहिए। सही दिशा में किया गया छोटा सा पुरुषार्थ भी हमें बहुत बड़ा फल देता है और गलत दिशा में किया जाने वाला बड़ा पुरुषार्थ भी कभी सार्थक परिणाम नहीं देता। लेकिन ये बात भी तय है कि जब भी हम कोई काम करने के लिए उतारू हों तो इसी विश्वास के साथ करें कि ‘मैं अपना शत प्रतिशत इसमें लगाऊँगा तो शत-प्रतिशत परिणाम पाऊँगा।’ ऐसा करके आप अपने भाग्य की लकीर को बदलने में बहुत हद तक समर्थ हो सकते हैं।
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