शंका
क्या गीला नारियल चढ़ाना उचित है?
समाधान
गीला नारियल यानी कच्चा नारियल, सूखा नारियल यानी पक्का नारियल! सूखे नारियल और गीले नारियल को देखो, गीले नारियल को आप फोड़ोगे तो दो भाग में बट जाएगा और सूखे नारियल को फोड़ोगे तो उसके भीतर से अविभक्त गोला निकलेगा। मतलब, जो कच्चा होता है वह कभी भी फूट जाता है और जो परिपक्व होता है वह सदैव अटूट रहता है। हम भगवान के चरणों में परिपक्व भाव से आते हैं, परिपक्व फल पाना चाहते हैं, इसलिए भगवान के चरणों में परिपक्व नारियल ही चढ़ाते हैं।
दूसरा कारण गीले नारियल को हिलाकर देखोगे तो कुछ नहीं होगा लेकिन सूखे नारियल को बजाओगे तो वह बजता है! गोला अलग है और ऊपर का कवच अलग है। इसका मतलब सूखा नारियल बताता है, शरीर अलग है और आत्मा अलग है। भेद विज्ञान को पुष्ट करने के लिए सूखा नारियल चढ़ाते हैं।
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