शंका
आजकल मोबाइल में सारे शास्त्र उपलब्ध हैं। हम इसी में से पढ़कर कभी बोल भी देते हैं, भगवान के दर्शन भी कर लेते हैं, तो क्या सूतक – पातक में भी हम ऐसा कर सकते हैं या उस समय मोबाइल को जेब में रखना चाहिए?
समाधान
यदि आगम को आप आगम के रूप में मानते हैं तो उसे डाटा (data) न मानें। उसे जिनवाणी मानें। जब आप उस एप्लीकेशन को डिस्प्ले कर रहे हैं तो सूतक – पातक में उसका प्रयोग न करें।
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