स्वाध्याय से कैसे होती है कर्मों की निर्जरा?
https://www.munipramansagar.net/wp-content/themes/munipramansagar/images/empty/thumbnail.jpg 150 150 admin admin https://secure.gravatar.com/avatar/a92f9f606a167f670786558a51779425?s=96&d=mm&r=gस्वाध्याय से कैसे होती है कर्मों की निर्जरा? How Swadhyay helps in shedding karmas? निर्जरा जैन दर्शन के अनुसार एक तत्त्व हैं। इसका अर्थ होता है आत्मा के साथ जुड़े कर्मों का शय करना। यह जन्म मरण के चक्र से मुक्त होने के लिए आवश्यक हैं। स्वाध्याय ही हमें कर्मो की निर्जरा का मार्ग दर्शाता…