नींद आना पुण्य या पाप?
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नींद आना पुण्य या पाप? Feeling sleepy, Is it Punya or Paap? अच्छी सेहत के लिए पर्याप्त नींद लेना जरूरी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि जरूरत से ज्यादा नींद आना या नींद के ना आने का सम्बन्ध पाप और पुण्य से हो सकता है? सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा नींद आना पुण्य…

रात्रि विवाह व रात्रि भोज निषेध होना चाहिये
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रात्रि विवाह व रात्रि भोज निषेध होना चाहिये Marriage and food in the night should be prohibited? पाश्चात्य संस्कृति व आधुनिकता का चरम सीमा पर प्रभाव होना। विवाह, पार्टी आदि में सामूहिक रात्रि भोज को बढ़ावा दिए जाता है। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा रात्रि विवाह व रात्रि भोज निषेध होना चाहिये। Share

जैन धर्मानुसार पृथ्वी के ज्यादा करीब सूर्य है अथवा चंद्रमा
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जैन धर्मानुसार पृथ्वी के ज्यादा करीब सूर्य है अथवा चंद्रमा Which is closer to Earth: Sun or Moon? पृथ्वी से ज्यादा करीब सूर्य है अथवा चंद्रमा इसको लेके अनेक राय हैं, हिंदूर धर्म के अनुसार इसका अलग मत है और जैन धर्म के अनुसार इसका अलग मत है – मुनि श्री प्रमाण सागर जी बता…

जैन धर्म के प्रवर्तक कौन?
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जैन धर्म के प्रवर्तक कौन? Who founded Jainism? जैन धर्म एक ऐसा धर्म है जो अनादि काल से चलता आ रहा है। जैन धर्म की बुनियाद किसने और कब रखी? सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा जैन धर्म के प्रवर्तक कौन? Share

क्या भरत चक्रवर्ती के पुत्र मूक थे?
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क्या भरत चक्रवर्ती के पुत्र मूक थे? Were Bharat Chakravarty’s son were dumb? सब ही जैन अनुयायी भरत चक्रवर्ती के बारे में जानते हैं के वे आदिनाथ भगवान के सुपुत्र थे और उन्होंने राज पाठ त्याग कर मोक्ष का मार्ग चुना। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा क्या भरत चक्रवर्ती के पुत्र मूक थे? Share

श्री कृष्ण के सारे अवतार भारत में ही क्यो?
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श्री कृष्ण के सारे अवतार भारत में ही क्यो? Why all incarnations of Shri Krishna happened in Bharat हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान् के कृष्ण के कई अवतार हुए हैं, लेकिन उनके सरे अवतार भारत में ही क्यों हुए है ये एक बड़ा रोचक प्रश्न है -सुनिये मुनि श्री प्रमाण सागर जी द्वारा इसका उत्तर…

जैन क्या है?
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जैन क्या है? What is Jain? “जैन धर्म भारत के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक है। ‘जैन धर्म’ का अर्थ है – ‘जिन द्वारा प्रवर्तित धर्म’। जो ‘जिन’ के अनुयायी हों उन्हें ‘जैन’ कहते हैं। ‘जिन’ शब्द बना है ‘जि’ धातु से। ‘जि’ माने – जीतना। ‘जिन’ माने जीतने वाला। जिन्होंने अपने मन को…

जैन खगोल विज्ञान अलग क्यों?
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जैन खगोल विज्ञान अलग क्यों? Why Jain astrology different? Share

ॐ और स्वस्तिक का महत्त्व
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ॐ और स्वस्तिक का महत्त्व Swastik and Om जिस प्रकार ऊँ में उत्पत्ति, स्थिति, लय तीनों शक्तियों का समावेश होने के कारण इसे दिव्य गुणों से युक्त, मंगलमय, विघ्नहारक माना गया है, उसी प्रकार स्वस्तिक में भी इसी निराकार परमात्मा का वास है, जिसमें उत्पत्ति, स्थिति, लय की शक्ति है। अन्तर केवल इतना ही है…

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