जैन धर्म में पाँच रंगों का सिद्धान्त ध्वज क्या और क्यों किसी भी देश, सेना, संस्था, समूह के अलावा किसी अवसर विशेष या सम्प्रदाय विशेष के प्रति निष्ठा प्रदर्शित करने के लिए चिन्ह या प्रतीक के रूप में ध्वज का प्रयोग किया जाता है। ध्वज पर चिन्ह या प्रतीक उस समुदाय विशेष की पहचान…
अष्टान्हिका पर्व का महत्व अष्टान्हिका पर्व क्या? इसे शाश्वत पर्व भी कहा जाता है यह एक तीर्थ यात्रा का पर्व है। भगवान महावीर को समर्पित यह पर्व जैन धर्म के सबसे पुराने त्योहारों में से एक है। हमारे धर्म में मनाया जाने वाला यह पर्व विशेष स्थान रखता है। आठ दिन का यह पर्व वर्ष…
प्रयास के साथ दिशा जरूरी एक आदमी की लंबी-चौड़ी खेती थी पर पानी ना मिल पाने के कारण उसे बहुत परेशानी का सामना करना पड़ता था। प्राय: उसकी फसल खराब हो जाती थी। वह बहुत परेशान था। एक दिन उसने अपनी व्यथा किसी पहुँचे हुए साधक के सामने प्रकट की। साधक ने कहा तुम्हें परेशान…
दुःख है संसार का स्वभाव एक आदमी अपनी पत्नी और बच्चों के साथ स्कूटर से जा रहा था। चार लोग बैठे थे एक स्कूटर पर । खुद था, धर्म पत्नी थी और दो बच्चे थे। एक को आगे और एक को पीछे बिठाया हुआ था। बरसात का समय था, उसके स्कूटर से पानी के छींटे…