क्या भरत चक्रवर्ती के पुत्र मूक थे?
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क्या भरत चक्रवर्ती के पुत्र मूक थे? Were Bharat Chakravarty’s son were dumb? सब ही जैन अनुयायी भरत चक्रवर्ती के बारे में जानते हैं के वे आदिनाथ भगवान के सुपुत्र थे और उन्होंने राज पाठ त्याग कर मोक्ष का मार्ग चुना। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा क्या भरत चक्रवर्ती के पुत्र मूक थे?

दिगम्बर सन्त चातुर्मास क्यों करते हैं?
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दिगम्बर सन्त चातुर्मास क्यों करते हैं? Why do digambar Jain saints do Chaturmas? दिगंबर जैन संत 12 महीने से आठ महीने पर विहार करते हैं और बरसात के समय एक स्थान पर रुक जाते हैं। वह समय होता है चार महीने का। इसलिए उसे चौमासा या चतुर्मास कहते हैं। बारिश के समय जीवों की उत्पत्ति…

श्री कृष्ण के सारे अवतार भारत में ही क्यो?
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श्री कृष्ण के सारे अवतार भारत में ही क्यो? Why all incarnations of Shri Krishna happened in Bharat हिन्दू धर्म के अनुसार भगवान् के कृष्ण के कई अवतार हुए हैं, लेकिन उनके सरे अवतार भारत में ही क्यों हुए है ये एक बड़ा रोचक प्रश्न है -सुनिये मुनि श्री प्रमाण सागर जी द्वारा इसका उत्तर

जैन क्या है?
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जैन क्या है? What is Jain? “जैन धर्म भारत के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक है। ‘जैन धर्म’ का अर्थ है – ‘जिन द्वारा प्रवर्तित धर्म’। जो ‘जिन’ के अनुयायी हों उन्हें ‘जैन’ कहते हैं। ‘जिन’ शब्द बना है ‘जि’ धातु से। ‘जि’ माने – जीतना। ‘जिन’ माने जीतने वाला। जिन्होंने अपने मन को…

जैन खगोल विज्ञान अलग क्यों?
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जैन खगोल विज्ञान अलग क्यों? Why Jain astrology different?

ॐ और स्वस्तिक का महत्त्व
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ॐ और स्वस्तिक का महत्त्व Swastik and Om जिस प्रकार ऊँ में उत्पत्ति, स्थिति, लय तीनों शक्तियों का समावेश होने के कारण इसे दिव्य गुणों से युक्त, मंगलमय, विघ्नहारक माना गया है, उसी प्रकार स्वस्तिक में भी इसी निराकार परमात्मा का वास है, जिसमें उत्पत्ति, स्थिति, लय की शक्ति है। अन्तर केवल इतना ही है…

उपवास क्या है?
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उपवास क्या है? What is fast? उप+वास= उपवास अर्थात आराध्य के नजदीक रहना, उसको देखना,समझना व उसके गुणों को जानना, चिंतन करना और आत्मसात करना।सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा उपवास क्या है?

सामायिक और प्रतिक्रमण में अंतर
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सामायिक और प्रतिक्रमण में अंतर Difference in Samayik and Pratikraman सुख-दु:ख, लाभ-अलाभ, इष्ट-अनिष्ट आदि विषमताओं में राग-द्वेष न करना बल्कि साक्षी भाव से उनका ज्ञाता दृष्टा बने हुए समतास्वभावी आत्मा में स्थित रहना, अथवा सर्व सावद्य योग से निवृत्ति सो सामायिक है। पूर्वकृत दोषों का मन, वचन, काय से कृत कारित, अनुमोदना से विमोचन करना…

दान के लिए मजबूर करना उचित?
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दान के लिए मजबूर करना उचित? Is it right to force someone to donate? जैसे माता-पिता और गुरुजनों की सेवा करना, दीन दुखियों पर दया करना धर्म है, वैसे ही दान करना भी धर्म है, जो शास्त्र सम्मत है। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा दान के लिए मजबूर करना उचित?