दसलक्षण में उपवास की विधि
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दसलक्षण में उपवास की विधि How to fast during Daslakshan? Share

जैन धर्म में भगवान राम का स्वरूप
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जैन धर्म में भगवान राम का स्वरूप Lord Rama in Jain Dharma “रामायण के नायक श्रीराम जैन ग्रन्थों में ६३ शलाकापुरुषों में से एक हैं। वह विष्णु के अवतार नहीँ है बल्कि वह वलभद्र है जो सिद्धक्षेत्र माँगी तुंगि महाराष्ट्र भारत से मोक्ष गये। सुने मुनि श्री प्रमाण सागर जी से जैन धर्म में भगवान…

त्रेसठ श्लाका पुरुष
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त्रेसठ श्लाका पुरुष Sixty Three Shalaaka Purush जैन धर्म में २४ तीर्थंकर, १२ चक्रवर्ती, ९ बलभद्र, ९ नारायण और ९ प्रतिनारायण ऐसे त्रेसठ महापुरुष होते हैं ।ये शलाका पुरुष चतुर्थकाल में ही होते हैं । ऐसे ही ये महापुरुष पूर्वकाल में भी अनंतों हो चुके हैं और भविष्य में भी होते ही रहेंगे। सुनिए त्रेसठ…

भावों के आधार पर मिलती है गति
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भावों के आधार पर मिलती है गति Bhaav determines next life Share

सामायिक करने का तरीका
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सामायिक करने का तरीका How to do Samayik? सुख-दु:ख, लाभ-अलाभ, इष्ट-अनिष्ट आदि विषमताओं में राग-द्वेष न करना बल्कि साक्षी भाव से उनका ज्ञाता दृष्टा बने हुए समतास्वभावी आत्मा में स्थित रहना, अथवा सर्व सावद्य योग से निवृत्ति सो सामायिक है। आएये जानते हैं मुनि श्री प्रमाण सागर जी महाराज से सामायिक करने का तरीका Share

संयम, साधना और तप का अनमोल बंधन
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संयम, साधना और तप का अनमोल बंधन Invaluable bond of restraint, practice and tenacity संयम, साधना और तप इन तीनो का एक अनमोल बंधन ये एक दुसरे से भिन्य होते हुए भी एक दुसरे के जैसे हैं – मुनि श्री प्रमाण सागर जी बता रहे हैं संयम, साधना और तप के अनमोल बंधन के बारे…

वर्गणाएँ क्या होती हैं? पुण्य और पाप वर्गणाएँ कैसे पहचानें?
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वर्गणाएँ क्या होती हैं? पुण्य और पाप वर्गणाएँ कैसे पहचानें? Vargana Share

कषाय कम करने के उपाय
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कषाय कम करने के उपाय Ways to reduce Kashaya जीव संसार चक्र में अनादि काल से मुख्यत:चार कषायों क्रोध,मान,माया एवं लोभ के कारण भ्रमण करता आ रहा है! और इन्ही के कारण वह अनेक दुःख भोगता है और दुखी रहता है – मुनि श्री प्रमाण सागर जी बता रहे हैं कषाय कम करने के उपाय…

सामायिक और प्रतिक्रमण का महत्व
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सामायिक और प्रतिक्रमण का महत्व Samayik and Pratikraman सुख-दु:ख, लाभ-अलाभ, इष्ट-अनिष्ट आदि विषमताओं में राग-द्वेष न करना बल्कि साक्षी भाव से उनका ज्ञाता दृष्टा बने हुए समतास्वभावी आत्मा में स्थित रहना, अथवा सर्व सावद्य योग से निवृत्ति सो सामायिक है। पूर्वकृत दोषों का मन, वचन, काय से कृत कारित, अनुमोदना से विमोचन करना पश्चाताप करना,…

कायोत्सर्ग कैसे करें?
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कायोत्सर्ग कैसे करें? How to do Kayotsarg? “In Kayotsarg, one leaves attachment from the body and meditate on the virtues of 5 Parmeshthis by mentally reciting Namokar Mantra nine times. One Kayotsarg takes around 30 seconds to complete, and it is performed while breathing in and breathing out “ Share

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