क्या मुनि मार्गदर्शन में मन्दिर बनने में होने वाली हिंसा का दोष मुनि को भी?
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क्या मुनि मार्गदर्शन में मन्दिर बनने में होने वाली हिंसा का दोष मुनि को भी? Is a muni responsible for violence in construction of temple. साधु को मन्दिर आदि बनवाने में अनुमोदना/आशीर्वाद देने से उस आरंभी हिंसा का दोष मुनि को भी? किस स्तर की भूमिका होना चाहिए, विचार मुनि श्री प्रमाण सागर जी के।…

स्तुति के लिए भाषा नहीं भाव की महत्वता
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स्तुति के लिए भाषा नहीं भाव की महत्वता Emotions important than language in glorification भगवान की स्तुति भक्ति में क्या प्रधान है, भाषा या मनोभाव? क्या भाव से भी वही पुण्य मिल सकता है? समाधान मुनिश्री प्रमाण सागर जी से Share

क्या हम समवसरण में गये हैं?
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क्या हम समवसरण में गये हैं? Have we ever been to Samavsharan? कहते हैं, समवशरण में सिर्फ भव्य जीव ही जाते हैं? कैसे हम जानें क्या हम कभी समवशरण में गए और तीर्थंकर भगवान की दिव्य ध्वनि का पान किया? समाधान मुनि श्री प्रमाण सागर जी का Share

पूजन और विधान में अंतर
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पूजन और विधान में अंतर Difference between Poojan and Vidhan सामान्य पूजा और विधान में क्या अंतर है? क्या मण्डल बनाना ही विधान है? जानें आगमोक्त समाधान मुनिश्री प्रमाण सागर जी से Share

तीर्थंकरों का निहार क्यों नही होता?
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तीर्थंकरों का निहार क्यों नही होता? तीर्थंकर भगवान आहार करते हैं, पर उन्हें निहार क्यों नहीं होता? मुनिश्री की वाणी और आचार्य श्री के शब्द, संस्मरण से समाधान, सुने वीडियो Share

मयूर पंख पिच्छी क्या होती है
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मयूर पंख पिच्छी क्या होती है What is peacock feathers Pichchi? दिगंबर साधु की पहचान मोर पंख की पिच्छी है। पिच्छी मोर द्वारा छोड़े गए पंखों से निर्मित होती है।यह इतनी मुलायम होती है कि इससे किसी जीव को हानि नहीं पहुंचती। मोर ही अकेला एक ऐसा प्राणी है, जो ब्रह्मचर्य को धारण करता है।मयूर…

पुन: जैन कुल पाने के लिए क्या करें?
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पुन: जैन कुल पाने के लिए क्या करें? How to reborn as a Jain? जो व्यक्ति जैन कुल में जन्म लेता है वह खुदको गौरवान्वित महसूस करता है, लेकिन हम ऐसा क्या करें की जिससे आपने वाले भाव में भी हमे जैन कुल की प्राप्ति हो सके- सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर जी से। Share

व्यस्त जीवन में कर्मों की निर्जरा कैसे करें
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व्यस्त जीवन में कर्मों की निर्जरा कैसे करें Ways to shed Karmas in busy life इस भौतिक युग में हम निरंतर कर्मों का बंध करते जा रहे हैं,और इनके क्षय और निर्जरा के लिए हमारे पास समय का अभाव रहता है। हम ऐसा क्या करें की अपने कर्मों की निर्जरा कर सकें- सुनिए मुनि श्री…

व्रती जीवन कैसे जियें
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व्रती जीवन कैसे जियें How to live restraint life? व्रत संयम अंगीकार करने के बाद व्यक्ति को जीवन कैसे व्यतीत करना चाहिए? विस्तृत वर्णन मुनि श्री प्रमाणसागर जी से। Share

राजा श्रेणिक के तीर्थंकर बनने का कारण
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राजा श्रेणिक के तीर्थंकर बनने का कारण What made Shrenik future teerthankar? राजा श्रेणिक ने कोई नियम-संयम नहीं लिया। नरकगति का बंध करने पर भी भविष्य में तीर्थंकर बनना कैसे सुनिश्चित किया? जानें सटीक समाधान मुनि श्री प्रमाणसागर जी के श्रीमुख से। Share

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