संगति का जीवन पर प्रभाव
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स्वभाव पर किसका प्रभाव? विज्ञान और मनोविज्ञान दोनों की दृष्टि से व्यक्ति के स्वभाव पर मुख्य रूप से दो बातों का प्रभाव होता हैं- (1) आनुवांशिकता (heredity) (2) संगति (Companionship) आनुवांशिक गुणों के अनुरूप ही व्यक्ति भीतर दोष/गुण आते हैं, जो आगे चलकर हमारा स्वभाव बन जाते हैं। लेकिन व्यक्ति के स्वभाव पर सबसे ज्यादा…

क्या जो है, वो पर्याप्त है?
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क्या जो है, वो पर्याप्त है? What all we have is sufficient enough? आज की भाग-दौड़ भरी प्रतिस्पर्धा के जीवन में हम लोग कहीं न कहीं “पर्याप्त” शब्द का मतलब भूल से गए हैं। हमे ये ज्ञात होने चाहिए की हमारे लिए कौनसी चीज़ कितनी पर्याप्त है और हमारे पास ऐसा क्या है जो पर्याप्त…

सफलता और अच्छा स्वास्थय कैसे पाएं?
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सफलता और अच्छा स्वास्थय कैसे पाएं? How to achieve success and good health? अच्छा स्वास्थय सफलता और समृद्धि का आधार है।यदि व्यक्ति का स्वास्थ्य अच्छा है तो कोई भी व्यक्ति कठिन से कठिन परिस्तिथि में भी सफलता प्राप्त कर सकता है । सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा किसफलता और अच्छा स्वास्थय कैसे पाएं?

बॉडी लैंग्वेज का वक्तव्य पर प्रभाव
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बॉडी लैंग्वेज का वक्तव्य पर प्रभाव Impact of body language on personality बॉडी लैंग्वेज मनुष्य के चरित्र की झलक होती है। बॉडी लैंग्वेज सामने वाले को दर्शाती है मनुष्य का व्यक्तित्व। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा बॉडी लैंग्वेज का वक्तव्य पर प्रभाव।

तिर्यंच अपना कल्याण कैसे करते हैं?
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तिर्यंच अपना कल्याण कैसे करते हैं? How tiryanch (animals, birds, etc.) may progress towards salvation? मनुष्य जाति ही एकमात्र जाति है जो आना कल्याण करने में समर्थ है। परन्तु अन्य जातियां भी कल्याण कैसे करती हैं। सुनते हैं मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा तिर्यंच अपना कल्याण कैसे करते हैं।

गिफ्ट आदि में मिले अभक्ष्य पदार्थों का क्या करें?
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गिफ्ट आदि में मिले अभक्ष्य पदार्थों का क्या करें? What to do with inedibles received as gift आज के युग में एक दूसरे को गिफ्ट देने की प्रथा चल गयी है। गिफ्ट देने वाले पर निर्भर करता है की वे क्या देगा।,सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा की गिफ्ट आदि में मिले अभक्ष्य पदार्थों का…

ब्रांड की अंधी दौड़ और रंगभेद
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ब्रांड की अंधी दौड़ और रंगभेद Brands are not your friends शहरीकरण और आधुनिकरण की वजह से आज की युवा पीढ़ी ब्रांड के पीछे अंधी होकर रंगभेद करती है। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा ब्रांड की अंधी दौड़ और रंगभेद कितना सही ।

तन को रोग मुक्त रखना है तो मन स्वस्थ रखें
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तन को रोग मुक्त रखना है तो मन स्वस्थ रखें To remain body fit, keep your mind healthy शरीर ही समस्त धर्मों को सम्पन्न करने का साधन है इसलिए प्रथम शरीर को स्वस्थ रखना अत्यावश्यक है और यह स्वस्थता जीवन-पर्यन्त बनी रहे, इसके लिए भी हमें सतत सावधान रहना चाहिए। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर…

मन्दिर ही नहीं कण-कण में भगवान
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मन्दिर ही नहीं कण-कण में भगवान God is everywhere भगवान् तो कण कण में बस्ते हैं तो फिर हम मंदिर क्यूँ जाते हैं। बहुत सुंदर जवाब –. हवा तो धुप में भी चलती है पर आनंद छाँव में बैठ कर मिलता है। वैसे ही भगवान सब तरफ है पर आनंद मंदिर में ही आता है।…