परिग्रह को पाप क्यों कहा है?
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परिग्रह को पाप क्यों कहा है? Why is accumulation considered a sin? “आजतक जिन लोगों ने अपनी आत्मा को पवित्र-पावन बनाया है ये सभी सिद्ध भगवान अपरिग्रह महाव्रत का आधार लेकर आगे बढे हैं। उन्होंने मन-वचन-काय से इस महाव्रत की सेवा की है। अपरिग्रह- यह शब्द विधायक नहीं है, निषेधात्मक शब्द है। उपलब्धि दो प्रकार…

मनुष्य के हाथ में प्रयत्न है, परिणाम नही।
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मनुष्य के हाथ में प्रयत्न है, परिणाम नही। Humans can put efforts but cannot define results ” मनुष्य के हाथ में कर्म करना होता है । किसी भी परिस्तिथि में अपने कर्म करने से पीछे नहीं हटना चाहिए फिर परिणाम चाहे कुछ भी हो। मुनि श्री प्रमाण सागर “ Share

किसी को असाध्य रोग हो जाये तो क्या करें?
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किसी को असाध्य रोग हो जाये तो क्या करें? What to do for incurable disease? यदि शरीर स्वस्थ है तो जीवन का हर सुख अच्छा लगता है और यदि शरीर ही स्वस्थ नहीं हैं तो किसी भी सुख में मजा नहीं आता। असाध्य रोग पीड़ित को शारीरिक रूप से तो भयंकर कष्ट देता ही है…

बचपन में ज्ञान, जवानी में धन और बुढ़ापे में पुण्य अर्जित करें|
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बचपन में ज्ञान, जवानी में धन और बुढ़ापे में पुण्य अर्जित करें| Accumulate knowledge in childhood, money in youth & Punya in oldage Share

सुख-दुःख में स्थिरता कैसे लायें?
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सुख-दुःख में स्थिरता कैसे लायें? How to stay composed in good-bad times? जीवन में सकारात्मक होने के बहुत से तरीके हैं और यह तब भी हो सकता है जब आप दुख, क्रोध या कठिनाइयों का सामना कर रहे हों। ]शोध बताते हैं कि हमारे अंदर दुःख और सुख की भावनाओं को सोचने के तरीके को…

नववर्ष कैसे मनायें?
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नववर्ष कैसे मनायें? How to celebrate New Year? वास्तविकता यह है कि भारतीय संस्कृति के अनुसार चैत्र-प्रतिपदा ही हिंदुओं का नववर्ष का दिन है ।अपनी मानसिकता को बदले, विज्ञान आधारित भारतीय काल गणना को पहचाने और चैत्री शुक्ल पक्ष प्रतिपदा के दिन ही नूतन वर्ष मनाये। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा नववर्ष कैसे मनायें?…

अज्ञानता है दुखी होने का कारण
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अज्ञानता है दुखी होने का कारण Lack of spiritual knowledge is the cause of unhappiness अज्ञानता ही मानव के दुख का कारण।जीवन में यदि व्यक्ति के पास ज्ञान नही है तो वह दुख का कारण बनता है। लालसा और संस्कारहीन होकर व्यविचारित कार्य करता है और गलत संगत में में रहता है तो उसके मन…

जीवन साथी कैसे चुनें?
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जीवन साथी कैसे चुनें? How to select a Life Partner? शादी का रिश्ता प्यार की डोर से बंधा होता है। जिसके एक तरफ़ पसंद और दूसरी तरफ़ नापसंद की मुहर लटकी रहती है। जीवन साथी को लेकर हर व्यक्ति की सोच अलग अलग होती है। लेकिन जीवन साथी का चुनाव करते समय दिल व दिमाग़…

नकारात्मक भावनाओं को कैसे नियन्त्रित करें?
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नकारात्मक भावनाओं को कैसे नियन्त्रित करें? How to control Negative thoughts? जो अपनी भावनाओं का नियन्त्रित कर सकता है, वह अपने जीवन को भी नियन्त्रित कर सकता है। जीवन में संतुलन भावनाओं के समायोजन से ही आता है। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा नकारात्मक भावनाओं को कैसे नियन्त्रित करें? Share

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