परिग्रह को पाप क्यों कहा है?
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परिग्रह को पाप क्यों कहा है? Why is accumulation considered a sin? “आजतक जिन लोगों ने अपनी आत्मा को पवित्र-पावन बनाया है ये सभी सिद्ध भगवान अपरिग्रह महाव्रत का आधार लेकर आगे बढे हैं। उन्होंने मन-वचन-काय से इस महाव्रत की सेवा की है। अपरिग्रह- यह शब्द विधायक नहीं है, निषेधात्मक शब्द है। उपलब्धि दो प्रकार…

मायाचारी का प्रभाव
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मायाचारी का प्रभाव Effects of MAYACHARI(Cheating) मायाचारी दूसरों को ही नहीं, स्वयं को भी ठगता है – मायाचारी अपने कपट व्यवहार को कितना ही छिपाए, देर-सबेर वह प्रकट होता ही है। इसीलिए कहा गया है – नहीं छिपाए से छिपे, माया ऐसी आग, रुई लपेटी आग को, ढांके नहीं वैराग। सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर…

नरक से बचना है तो पाप से डरो
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नरक से बचना है तो पाप से डरो Fear of SIN prevents from HELL. मनुष्य अपने जीवन काल में कई तरह के कर्म करता है जिससे उसका नर्क या स्वर्ग जाना तय होता है। अगर नर्क जाने से बचना है तो अपने पापों पर अंकुश लगाना पड़ेगा।सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा नरक से बचना…

पाप कषाय से बचने के उपाय
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पाप कषाय से बचने के उपाय Different ways to prevent from commiting a SIN “पाप प्रायः तीन प्रकार के होते हैं। मन से दूसरे का अहित सोचना, वचन से दूसरे के प्रति कुशब्दों का उच्चारण कर देना तथा शरीर से दूसरे को किसी प्रकार की हानि पहुँचा देना। पाप किसी प्रकार का हो, अपने मन…

धर्म पापों को दूर करता है?
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धर्म पापों को दूर करता है?