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दूध पानी की दोस्ती

दूध पानी की दोस्ती (मुनि श्री प्रमाणसागर जी के प्रवचनांश) एक बार पानी दूघ के पास गया और दूध से कहा – भाई! तुम्हारा बड़ा मूल्य है, महत्त्व है। अगर…

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पति, पत्नी और पर्ची

पति, पत्नी और पर्ची (मुनि श्री प्रमाणसागर जी के प्रवचनांश) पति-पत्नि में अनबन हो गयी। पति को कोई काम था,जिसके लिये सुबह पाँच बजे उठना था।पति की उठने की आदत…

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संकल्प की ताकत

संकल्प की ताकत (मुनि श्री प्रमाणसागर जी के प्रवचनांश) गुरु के साथ उनके कुछ शिष्य चले जा रहे थे। रास्ते में एक बड़ी चट्टान दिखी। एक शिष्य ने गुरु से…

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टूटा पापड़

टूटा पापड़ (मुनि श्री प्रमाणसागर जी के प्रवचनांश) एक व्यक्ति एक भोज में गया। भोजन के अंत में सभी को अखण्डित पापड़ परोसा जा रहा था। जब उसका नम्बर आया…

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व्यक्तित्व निर्माण से राष्ट्र निर्माण

व्यक्तित्व निर्माण से राष्ट्र निर्माण (मुनि श्री प्रमाणसागर जी के प्रवचनांश) विनोबा भावे जी के पास कुछ छात्र राष्ट्र निर्माण का सूत्र पाने की भावना से पहुँचे। विनोबा जी ने…

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