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गुरु का स्वरूप

विषयाशावशातीतो निरारम्भोऽपरिग्रहः । ज्ञान-ध्यान-तपोरक्तस्तपस्वी स प्रशस्यते॥ अर्थात जो व्यक्ति विषय और उसकी आसक्ति से रहित है; आरम्भ और परिग्रह से रहित है; ज्ञान,ध्यान और तप में लीन है, वही गुरु…

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जीवन में क्या सही-‘ढंग’ या ‘ढोंग’

‘ढंग’ का जीवन में महत्त्व- धर्म हमें ‘ढंग’ से जीवन जीने की व इस संसार सागर से पार उतरने की कला सिखाता है | ‘ढंग’ से हम अपने जीवन को…

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जैन धर्म

क्या है जैन धर्म ? जैन धर्म कठिनता और कठोरता से परे एक वैज्ञानिक धर्म है जो हमें संतुलित जीवन जीने की शैली बताता है। जैन धर्म ऐसा धर्म है…

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विचारों का महत्व

जीवन में विचारों का महत्व हमारा जीवन हमारे विचारों से प्रभावित होता है। चारों तरफ के वातावरण से प्रभावित होकर हम अच्छा या बुरा जैसा सोचते हैं, जीवन भी वैसा…

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अकाल मरण का रहस्य

क्या है अकाल मरण ? कोई भी जीव जो करोड़ों वर्षो तक जीने की योग्यता रखता है वो भी एक अन्तर्मुहूर्त में मरण को प्राप्त हो सकता है। परंतु जब…

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