विषयाशावशातीतो निरारम्भोऽपरिग्रहः । ज्ञान-ध्यान-तपोरक्तस्तपस्वी स प्रशस्यते॥ अर्थात जो व्यक्ति विषय और उसकी आसक्ति से रहित है; आरम्भ और परिग्रह से रहित है; ज्ञान,ध्यान और तप में लीन है, वही गुरु…
जीवन में विचारों का महत्व हमारा जीवन हमारे विचारों से प्रभावित होता है। चारों तरफ के वातावरण से प्रभावित होकर हम अच्छा या बुरा जैसा सोचते हैं, जीवन भी वैसा…