DRAVNANYOG

150 150 admin

मनः पर्यय ज्ञान के दो भेद ऋजुमति – विपुलमति

जैन तत्त्वविद्या | मनः पर्यय ज्ञान के दो भेद ऋजुमति – विपुलमति Share

read more
150 150 admin

क्या है जीव समास एकेन्द्रिय, विकलेन्द्रिय एवं सकलेन्द्रिय?

जैन तत्त्वविद्या | क्या है जीव समास एकेन्द्रिय, विकलेन्द्रिय एवं सकलेन्द्रिय? Share

read more
150 150 admin

क्या है पर्याप्तक एवं अपर्याप्तक जीव?

जैन तत्त्वविद्या | क्या है पर्याप्तक एवं अपर्याप्तक जीव? Share

read more
150 150 admin

क्या होता है प्राण एवं पर्याप्ति में सम्बन्ध?

जैन तत्त्वविद्या | क्या होता है प्राण एवं पर्याप्ति में सम्बन्ध? Share

read more
150 150 admin

क्या होती हैं पर्याप्तियाँ आहार, शरीर, इन्द्रिय, श्वाच्छोश्वास, भाषा, मन?

जैन तत्त्वविद्या | क्या होती हैं पर्याप्तियाँ आहार, शरीर, इन्द्रिय, श्वाच्छोश्वास, भाषा, मन? Share

read more