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मन्त्रों और भावों का प्रभाव

मन्त्रों और भावों का प्रभाव Effects of mantra and thoughts हमारे वेदोंऔर पुराणों में मन्त्रों का महत्व बताया गया है। पर क्या सिर्फ मंत्रो का उच्चारण करना काफी है ?…

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ब्रह्मचर्य का वास्तविक स्वरूप

ब्रह्मचर्य का वास्तविक स्वरूप Real meaning of celibacy ब्रह्मचर्य व्रत का अत्यधिक महत्व है। ब्रह्मचर्य को सभी तपों में सर्वोपरी तप कहा गया है। ब्रह्मचर्य हमारी आत्मिक शक्ति है। छांदोग्योपनिषद्…

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लोभ सबसे बड़ा पाप क्यों?

लोभ सबसे बड़ा पाप क्यों? Greed- the biggest sin लोभ ही मनुष्य को सद्मार्ग से भटका देता है और यह पाप का सबसे बड़ा कारण है और शास्त्रो मे लोभ…

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गुणायतन क्या और क्यों?

गुणायतन क्या और क्यों? What is Gunayatan and it’s significance? “जैन दर्शन में आत्मशक्तियों के विकास अथवा आत्मा से परमात्मा बनने की शिखर यात्रा के क्रमिक सोपानों को चौदह गुणस्थानों…

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शांतिधारा की महिमा

शांतिधारा की महिमा Glory of Shanti-Dhaara शांतिधारा क्यों की जाती है? सामान्य अभिषेक की अपेक्षा इसका क्या महत्व है? कैसे करें तथा इससे अपने जीवन में शांति कैसे लाएं जाने…

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