नव वर्ष भारतीय संस्क्रती अनुसार मनायें
Celebrate new year as per Bhartiya culture
आज पाश्चात्य सभ्यता का अनुसरण करते हुए जाने अनजाने हम अपनी संस्कृति की जड़ों और परम्पराओं की डोर को काट रहे हैं। इसलिए हमें विदेशी दासत्व को त्याग कर गर्व के साथ भारतीय नव वर्ष यानी विक्रमी संवत् को ही मानना चाहिए तथा इसका अधिक से अधिक प्रचार करना चाहिए।सुनिए मुनि श्री प्रमाण सागर द्वारा नव वर्ष भारतीय संस्क्रती अनुसार मनायें।
Leave a Reply