शंका
विधर्म विवाह के दुष्परिणाम!
समाधान
विवाह-शादी के विषय में मैंने अनेक बार प्रकाश डाला है। हमें विजातीय विवाह से बचना चाहिए, बहुत दुष्परिणाम आते हैं और वो परिणाम अत्यन्त भयावह होते हैं। उससे बहुत नुकसान हो रहा है इसलिए इन सब विवाहों को प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए।
प्राय: ऐसे विवाह बहुत कमजोर होते हैं, टिकाऊ नहीं होते कदाचित किसी कारणवश लोग इसका निर्वाह भी करते हैं तो बहुत खींचातानी मची रहती है इसलिये धर्मसम्मत प्रक्रिया को अपना करके ही हमें आगे चलना चाहिए। इस तरह की विवाह व्यवस्था कुव्यवस्था है और हमारे धर्म, हमारे समाज, हमारी संस्कृति तीनों के उत्थान में बाधक है।
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