जो निन्दा करते है वह निन्दनीय होते है

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जो निन्दा करते है वह निन्दनीय होते है
Criticizers are condemnable

“किसी की निंदा करने से पाप व दुर्गति होती है। इससे कैसे बचें जानें मुनि श्री प्रमाण सागर जी से

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