शंका
अल्प समय में अपने जीवन का कैसे कल्याण करें?
समाधान
गुरूदेव के पास एक सज्जन आया उसने कहा “महाराज जी! मेरे पास कम समय है, आप हमें धर्म का मर्म बता दो।” हमारे आचार्य महाराज भी पूरे आचार्य महाराज हैं, उन्होंने कहा “तुम धर्म का मर्म जानना चाहते हो तो एक ही लाइन में मैं बोलता हूँ, आज तक तुम्हें जो कुछ भी अच्छा लगा उसे अधर्म मान लो और जो अच्छा ना लगा उसे धर्म मान लो।”
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